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"Transform your Clinical Practice with Clinical Guruji"
4.9 (32 ratings)
2646 learners enrolled
Language: Hinglish (Hindi English Mix) - PPT in English and Discussion in Hindi
Instructors: Dr Subodh Chaturvedi / Dr Suraj / Dr Chetan
Validity Period: 730 days
100% Cashback as Coins
आप अगर GP यानि जनरल प्रैक्टिस करते हैं, तो कभी न कभी आप को भी यह समस्या आयी होगी कि कोई मरीज अगर छाती में दर्द ले कर आया है तो उसे कार्डियक प्रॉब्लम है कि केवल मसल का पेन है। एक ही लक्षण कई बिमारियों का होता है और एक ही लक्षण के लिए अलग अलग कई दवाइयां दी जा सकती हैं। अब ऐसे में तय करना मुश्किल होता है कि इसे क्या दें, सोर्बिट्रेट या कोम्बिफ्लैम ?
हम मेडिकल कॉलेज में जब मेडिसिन या फार्माकोलॉजी पढ़ते हैं तो वह सिस्टम के अनुसार पढ़ाई जाती है जैसे रेस्पिरेटरी सिस्टम , कार्डियक सिस्टम इत्यादि. लेकिन जब हम प्रैक्टिस में आते हैं तो मरीज़ लक्षण ले कर आता है जैसे वोमिटिंग या चेस्ट पैन।
अब छाती में दर्द का कारण कार्डियक भी हो सकता है और गैस्ट्रिक भी।
तो अगर हमे कोई मेडिसिन लक्षण के अनुसार पढ़ा देता तो बड़ा अच्छा होता।
अब हम आपकी इसी समस्या को सुलझा रहे हैं। हम एक ऐसा कोर्स ले कर आये हैं जो आपकी GP के नॉलेज को ५० दिन में ५० गुना बढ़ा देगा
मैंने अपने २० वर्षों के हज़ारों घंटे की मेहनत में जो सीखा है उसका निचोड़ मैं आपको इन ५० दिनों में दूंगा। आपको मुझे अपने ५० घंटे देना हैं और उसके बदले में मैं आपका मरीज को देखने का नजरिया बदल दूंगा।
आपको अपनी क्लिनिक की प्रैक्टिस में बैठने में एक आत्मविश्वास आ जायेगा और आप लक्षणों के आधार पर बेहतर डायग्नोसिस बना सकेंगे और सही मेडिसिन का चुनाव कर सकेंगे ।
समाज में एक अच्छे डॉक्टर की तरह आपकी ख्याति होगी और आप एक सफल प्रैक्टिशनर बन सकेंगे।
आप अगर GP यानि जनरल प्रैक्टिस करते हैं, तो कभी न कभी आप को भी यह समस्या आयी होगी कि कोई मरीज अगर छाती में दर्द ले कर आया है तो उसे कार्डियक प्रॉब्लम है कि केवल मसल का पेन है। एक ही लक्षण कई बिमारियों का होता है और एक ही लक्षण के लिए अलग अलग कई दवाइयां दी जा सकती हैं। अब ऐसे में तय करना मुश्किल होता है कि इसे क्या दें, सोर्बिट्रेट या कोम्बिफ्लैम ?
हम मेडिकल कॉलेज में जब मेडिसिन या फार्माकोलॉजी पढ़ते हैं तो वह सिस्टम के अनुसार पढ़ाई जाती है जैसे रेस्पिरेटरी सिस्टम , कार्डियक सिस्टम इत्यादि. लेकिन जब हम प्रैक्टिस में आते हैं तो मरीज़ लक्षण ले कर आता है जैसे वोमिटिंग या चेस्ट पैन।
अब छाती में दर्द का कारण कार्डियक भी हो सकता है और गैस्ट्रिक भी।
तो अगर हमे कोई मेडिसिन लक्षण के अनुसार पढ़ा देता तो बड़ा अच्छा होता।
अब हम आपकी इसी समस्या को सुलझा रहे हैं। हम एक ऐसा कोर्स ले कर आये हैं जो आपकी GP के नॉलेज को 50 दिन में 50 गुना बढ़ा देगा
My General Practice course aims to train practitioners through a symptom-focused learning approach, emphasizing the importance of identifying various conditions based on symptoms and learning the appropriate treatments.
General practice can be challenging, as patients often present with symptoms indicative of multiple possible conditions. For instance, chest pain could signal a cardiac issue or simple muscle pain. Medical education tends to teach medicine and pharmacology based on bodily systems, like the respiratory or cardiac systems. However, in practice, patients come with symptoms, such as vomiting or chest pain, which can stem from different causes. A symptom-based learning approach could be more effective in preparing healthcare professionals for real-life situations.
To address this need, I have developed a comprehensive course that will significantly improve your General Practice expertise in just 50 days. The course offers a Clinical Pharmacology revision with a symptom-based focus, covering various procedures performed in general practice and emergency management in clinics, including anaphylaxis and burns.
Key topics covered in the course include:
Outpatient emergencies
Various symptoms and conditions, such as fever, headache, nausea, vomiting, indigestion, pain, breathing difficulties, hypertension, weight management, and more.
Managing specific patient populations, such as cardiac and diabetic patients
Pediatric issues, and other specialized topics
The course also provides instruction on procedures, clinical examination, investigation reports, and lifestyle advice.
The General Practice course has been designed to cater to a wider audience, especially those who may face challenges with the English language. By using a mix of Hindi and English, the course breaks down language barriers and makes it more accessible for Indian students. The discussions are conducted in commonly spoken Hindi, while technical terms are presented in English. This approach ensures that the course is both comprehensive and easily understood by students who might struggle with a fully English-based curriculum. The blend of Hindi and English helps students to grasp complex medical concepts and enables them to excel in their general practice careers.
More info
(Included in GP Combo Package)
(For More Info Contact Akash at - 8839776901)
Choose the right plan that works for you.
✅ Dermatology
✔Obs & Gyne Course
✔ One Percent Better
✅ Thyroid
✔ Extra 15 Courses
(INCLUDING Xray, ECG, Antibiotics, Ventilator, 20 Drugs for GP, FEVER, Skin suturing, and more..)
✔ 2 Year Validity